इंडिया गॉट लेटेंट कॉमेडी शो में अश्लील टिप्पणी करने मामले में यूट्यूबर रणवीर अलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट से फौरी तौर पर राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इल्लहाबादिया के खिलाफ मुंबई, गुवाहाटी और जयपुर में दर्ज FIR को लेकर गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने असम और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि रणवीर को जब भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा, वह जांच में शामिल होगा और उसकी गिरफ्तारी पर रोक सिर्फ इस शर्त पर लगाई गई है कि रणवीर जांच में सहयोग करेगा। जब पुलिस बुलाएगी और वह मौजूद रहेगा। इसके अलावा रणवीर बिना कोर्ट की इजाजत के देश से बाहर नहीं जाएगा और अपना पासपोर्ट को पुलिस स्टेशन में जमा करना होगा और अगले आदेश तक रणवीर और उसके साथी इंडिया गॉट लेटेंट शो नहीं करेंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले को लेकर देशभर में अब कोई नई FIR दर्ज नहीं होगी।
आप लोगों के माता-पिता की बेइज्जती कर रहे है: SC
सुनवाई के दौरान ने सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबाद के बयान पर कड़ी फटकार लगाते हुए उनके वकील अभिनव चंद्रचूड़ से पूछा कि क्या आप इस तरह के बयानों का बचाव कर रहे हैं? जस्टिस सूर्यकांत ने नाराजगी जताते हुए पूछा कि अगर ऐसे बयान में अश्लीलता नहीं है, तो और क्या है? आपके हिसाब से अश्लीलता के मापदंड क्या हैं? आप किस भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, आपको हर तरह की बातें करने की छूट कैसे मिल गई है? सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि पापुलर होने का मतलब य़ह नहीं कि आप कुछ भी टिप्पणी करें। आप लोगों के माता-पिता की बेइज्जती कर रहे है।
रणवीर के दिमाग़ में जो गंदगी है, वही इस शो के ज़रिए बाहर आई: SC
जस्टिस सूर्यकांत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि रणवीर इलाहाबादिया के दिमाग़ में जो गंदगी है, वही इस शो के ज़रिए बाहर आई है, उसे अपनी टिप्पणी के लिए शर्मिंदा होनी चाहिए, जिस तरह की टिप्पणी रणवीर ने की है, माता पिता शर्मिंदा महसूस करेंगे। बेटियां और बहन शर्मिंदा महसूस करेंगी और पूरा समाज शर्मिंदा महसूस करेगा। अश्लीलता के इस लेवल तक वो पहुंच गया। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कोई सोचता है कि चूंकि मैं इतना लोकप्रिय हो गया हूं, इसलिए मैं किसी भी तरह के शब्द बोल सकता हूं और पूरे समाज को हल्के में ले सकता हूं। दुनिया में ऐसा कोई आदमी आप ही बताइए जिसे ऐसे शब्द पसंद हों।
य़ह एक विकृत मानसिकता है: सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आपने जो शब्द चुने हैं, उनसे माता-पिता शर्मिंदा होंगे, बहनें शर्मिंदा होंगी, पूरा समाज शर्मिंदा होगा, य़ह एक विकृत मानसिकता है। इस टिप्पणी के जरिए आपने और आपके लोगो ने विकृति दिखाई है। रणवीर के लिए पेश वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने कहा नहीं बिल्कुल नहीं। मैं व्यक्तिगत रूप से ऐसे बयानों से घृणा करता हूं, हालांकि वकील ने नूपुर शर्मा के केस का हवाला देते हुए कहा कि उनकी तर्ज पर रणवीर को भी धमकी मिल रही है। उसके सहयोगी को भी एसिड हमले की धमकी दी गई है। वकील चंद्रचूड़ ने कहा कि एक ही कमेंट के लिए जो अलग अलग FIR दर्ज हो रही है वो कानूनी प्रकिया का दुरुपयोग हो रहा है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे पास न्याय व्यवस्था है, जो कानून से चलती है, अगर धमकियां हैं, तो कानून अपना काम करेगा। वहीं जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह ने कहा कि मुझे यकीन है कि अगर पुलिस आपको पूछताछ के लिए बुला रही है तो वह आवश्यक सुरक्षा प्रदान करेगी।
हम सोशल मीडिया में अश्लील कंटेंट के मुद्दे पर भी विचार करेंगे: SC
सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलहाबदिया की सुनवाई के बाद केंद्र सरकार से पूछा कि क्या वह यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री के बारे में कुछ करने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने केंद्र को इस मामले में नोटिस जारी किया है। ASG ऐश्वर्या भाटी से बेंच ने कहा कि आप सॉलिसिटर जनरल और अटॉर्नी जनरल को हमारी चिंता के बारे में सूचित करें और हमें बताएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सोशल मीडिया में अश्लील कंटेंट के मुद्दे पर भी विचार करेंगे। हम मुद्दे का विस्तार कर रहे हैं, सरकार बताए कि उसने क्या किया है। दरअसल रणवीर इल्लहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर महाराष्ट्र, असम और राजस्थान में दर्ज FIR को जोड़ने और गिरफ्तारी से संरक्षण दिए जाने की मांग की थी।