नदियों को प्रदूषण से बचाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा दखल दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण की अनियंत्रित क्षति पर चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने नदियों के कचरे को गंभीर पर्यावरणीय गिरावट बताते हुए इस मुद्दे से तत्काल निपटने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नदियों को प्लास्टिक कचरे से मुक्त किया जाए क्योंकि जब तक नदियों को प्लास्टिक कचरे से मुक्त नहीं किया जाता, तब तक सफाई के प्रयास भ्रामक और निरर्थक हैं। जस्टिस ऋषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि मामले में विचार-विमर्श के दौरान यह बात सामने आई कि जिन क्षेत्रों को ऐसे प्रदूषणकारी उत्पादों से मुक्त रखा जाना है, वहां प्लास्टिक का व्यापक उपयोग हो रहा है।
इसके अलावा प्लास्टिक डंपिंग से पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है और देश में नदियों के किनारों और जल निकायों में जलीय जीवन पर भी इसका असर पड़ रहा है। फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार सप्ताह में नदियों के प्रदूषण को लेकर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।