दिल्ली के रिज क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली सरकार को बताना होगा कि पेड़ों की कटाई में घोर अनियमितता कैसे बरती गई? DDA द्वारा किए गए घोर उल्लंघनों की जानकारी होने के बावजूद दिल्ली सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?। कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया। इसके अलावा दिल्ली में ग्रीन कवर एरिया बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार, वन विभाग, ट्री अथॉरिटी, MCD और DDA को भी नोटिस जारी किया।
कोर्ट ने कहा कि वन विभाग के सचिव इसके लिए व्यापक उपायों पर चर्चा करने के लिए नियुक्त विशेषज्ञ समिति की उपस्थिति में इन सभी अधिकारियों की बैठक बुलाएंगे। कोर्ट ने इस बैठक का ब्यौरा 12 जुलाई तक देने को कहा। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को पेड़ों की कटाई का निर्देश देने वाले DDA अधिकारियों के खिलाफ तुरंत आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को दिल्ली रिज क्षेत्र में गिरी लकड़ी और पेड़ों के अन्य हिस्सों का स्थान बताने का निर्देश दिया। लकड़ी दिल्ली सरकार के वृक्ष अधिकारी द्वारा एकत्र की जाएगी।
मामले पर उपराज्यपाल के वकील मनिंदर सिंह ने दलील देते हुए कोर्ट से अपना हलफनामा दाखिल करने के लिए समय की मांग की। कोर्ट ने उपराज्यपाल के वकील से एक बार फिर पूछा कि क्या वह तीन फरवरी को साइट पर गए थे या नहीं?। कोर्ट ने कहा कि हम इस बात से खुश नहीं हैं कि आपको उपलब्ध रिकॉर्ड पर जानकारी नहीं मिल सकती है। कोर्ट ने कहा कि तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट देखें कि किस तरह की चीजें की गई हैं?। क्या उन्होंने अधिकारियों की बैठक बुलाई है, यह बहुत गंभीर मामला है, हमें उम्मीद है और विश्वास है कि DDA के उपाध्यक्ष इसे गंभीरता से लेंगे। कोर्ट का कहना है कि रिज क्षेत्र में पेड़ों को गिराना 1994 के अधिनियम का उल्लंघन किया गया।
वही पिछली सुनवाई मे कोर्ट ने कहा था कि DDA को पता था कि इस अदालत की अनुमति के बिना पेड़ नहीं काटे जा सकते फिर भी ऐसा किया गया। य़ह इस अदालत के आदेशों का जानबूझकर उल्लंघन और कानून की अवज्ञा की गई। कोर्ट ने कहा था कि DDA ने इस तथ्य को भी छुपाया कि पेड़ों की कटाई का काम पूरा हो चुका था और कटाई इस साल फरवरी में शुरू हुई थी। DDA जे अध्यक्ष को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आगे की सभी गतिविधियां बंद हो जाएं क्योंकि उनके द्वारा पहले ही न्यायिक प्रशासन मे हस्तक्षेप किया जा चुका है। अब DDA के चेयरमैन एक टीम तैनात करेंगे, जो य़ह पता लगाएगा की सड़क का काम रुका या नहीं। साथ ही ठेकेदार का पूरा रिकार्ड साझा करना होगा
कोर्ट ने दक्षिणी दिल्ली रिज में बिना इजाजत पेड़ काटने के मामले पर DDA के तीन अफसरों को भी अवमानना नोटिस जारी किया। कोर्ट ने अवमानना कार्यवाही में रिज प्रबंधन बोर्ड और दिल्ली वन विभाग को भी शामिल किया। इसके अलावा कोर्ट ने य़ह भी आदेश दिया कि रिज क्षेत्र में काम के लिए अदालत की अनुमति लेनी होगी। साथ ही FSI और विशेषज्ञों की समिति प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपेने को कहा गया। कोर्ट ने य़ह भी कहा था कि हम इस मामले की सच्चाई जानना चाहते हैं,आखिर किसके निर्देशों पर पेड़ काटे गए। क्या LG के निर्देशों पर पेड़ काटे गए?। कोर्ट ने DDA में कानूनी सलाहकार होने पर न्यायिक अधिकारियों के होने पर भी हैरत जताते हुए कहा था कि ये किस तरह के न्यायिक ऑफिसर DDA में कानूनी सलाहकार हैं ?
दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को मामले को देखने को कहा था। वहीं 16 मई को नाराज सुप्रीम कोर्ट ने रिज क्षेत्र में सड़क का काम बंद करने और फोरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया देहरादून को सर्वे करने का निर्देश देते हुए कहा कि आप य़ह बताए कि वहां कितने पेड़ काटे गए और कितना नुकसान हुआ। कोर्ट ने DDA के उपाध्यक्ष के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए आपराधिक अवमानना कार्रवाई करने और उन्हें इस काम के लिए सभी जिम्मेदार अधिकारियों के नाम का भी खुलासा करने को कहा गया ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। साथ ही इस मामले पर MoEF को भी अलग से कानून के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा गया था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने य़ह भी कहा कि हमारा विचार है कि DDA द्वारा काटे गए एक पेड़ के बदले में 100 नए पेड़ लगाने होंगे।