दिल्ली शराब नीति घोटाले में ED और CBI केस में BRS नेता के कविता की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ED और CBI को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ में सोमवार को सुनवाई के दौरान के कविता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि के कविता पिछले 5 महीने से जेल में है ऐसे में वह जमानत की हकदार हैं। इस दलील को सुनने के बाद जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि हम नोटिस जारी कर रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी।
दरअसल, के कविता ने आबकारी केस से जुड़े करप्शन और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में जमानत मांगी है। 15 मार्च को ED ने उन्हें पहले हैदराबाद से गिरफ्तार किया था। इसके बाद CBI ने भी 11 अप्रैल को उनकी गिरफ्तारी की। हाई कोर्ट ने 1 जुलाई को कविता की याचिका खारिज कर दी थी। इस आदेश को उन्होंने SC में चुनौती दी है। आपको बता दें कि के कविता के खिलाफ ED की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कई बड़े खुलासे किए गए थे। ED की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में बताया गया था कि मामले में अपराध की कुल आय 1100 करोड़ है, के कविता ने इसमें से 292 करोड़ का प्रबंधन किया।
के कविता ने मामले में अपनी भूमिका छिपाने के लिए महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य भी नष्ट किए। ED ने कहा था कि के कविता PMLA 2002 की धारा 50 के तहत बयान दर्ज करने के दौरान गलत सबूत दिए, जब उनसे मेसर्स इंडो स्पिरिट्स में उनकी हिस्सेदारी के बारे में पूछा गया तो के कविता ने किसी भी शेयर या हिस्सेदारी से इनकार किया, जबकि उनके CA बुची बाबू और राघव मगुंटा के बीच व्हाट्सएप चैट से स्पष्ट रूप से पता चला कि उन्हें मेसर्स इंडो स्पिरिट्स में 33 फीसदी की हिस्सेदारी मिल रही थी, जब उन्हें व्हाट्सएप चैट दिखाया गया तो उन्होंने इससे इनकार भी किया।