यति नरसिंहानंद की ओर से गाजियाबाद में प्रस्तावित धर्म संसद के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार किया। याचिका में मुस्लिम समुदाय के बारे में भड़काऊ भाषणों का अंदेशा जताते हुए यूपी प्रशासन पर निष्क्रियता बरतने और हेट स्पीच को लेकर दिये कोर्ट के आदेश की अवहेलना का आरोप लगाया गया था। CJI संजीव खन्ना ने कहा कि दोनों पक्षों की ओर से इस तरह के मामले हमारे सामने आ रहे है।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट हर मामले को नहीं सुन सकता, अगर हम एक केस को सुनेंगे तो हमे सबको सुनना होगा, आप स्थानीय ऑथोरिटी के पास या फिर हाई कोर्ट जाकर अपनी बात रख सकते है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को सुनिश्चित करने को कहा कि भड़काऊ बयानबाज़ी को लेकर दिए पुराने आदेश का पालन हो। कार्यक्रम के चलते क़ानून व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े। कोर्ट ने कहा कि हम इस केस को सीधे नहीं सुन रहे है, इसका मतलब ये नहीं कि हेट स्पीच की वहां इजाज़त है। जिला प्रशासन वहां नज़र रखे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्यक्रम होता है तो उसकी रिकॉर्डिंग की जाए। जिला ऑथोरिटी सुनिश्चित करें कि हमारे पुराने आदेश का पालन हो और क़ानून व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े। हालांकि धर्म संसद गाजियाबाद में 17-21 के बीच गाजियाबाद में होनी थी। जब याचिका दायर हुई थी, उसमे भी गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर को प्रतिवादी बनाया गया था लेकिन वहां इसकी परमिशन नहीं मिली है, जिसके चलते अब नरसिंहानंद इसे हरिद्वार में आयोजित करने की बात कह रहे है।