कोलकता आरजी कर अस्पताल मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच में बताया गया कि यह बहुत चिंताजनक है कि सोशल मीडिया पर उस पीड़िता का नाम और फोटो वाले बहुत सारे पोस्ट हैं। CJI ने कहा कि हमने आदेश जारी कर दिया है, अब आदेश को लागू करना नोडल ऑफिसर का काम है। पश्चिम बंगाल सरकार को सभी मीडिया से तुरंत संपर्क करना चाहिए। वही मृत डॉक्टर के परिजन की तरफ से वकील वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट को बताया कि कल यूट्यूब पर एक फिल्म भी रिलीज होगी। जिसके बारे मे कहा जा रहा है कि यह पीड़िता पर आधारित है। CJI ने कहा कि अगर आपको फिल्म के रिलीज पर रोक लगवानी है तो आप कानूनी रास्ता अपनाएं। वृंदि ग्रोवर ने कहा कि अगर नोडल वकील नियुक्त किए जाते हैं तो हम इसकी सूचना उन्हें दे सकते हैं।
CJI ने कहा कि सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय किसी भी अनधिकृत फोटो या वीडियो को अपलोड करने के संबंध में एक नोडल अधिकारी को नोटिफाई करेगा और वो अधिकारी उस फोटो या वीडियो को हटा देगा। वकील महेश जेठमलानी ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता का नाम उजागर करने वाले पुलिस कमिश्नर के खिलाफ कोई FIR दर्ज नहीं हुई और इस मामले पर हाईकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस पर गौर करेगा। CJI ने कहा CBI की जांच में बहुत महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। फिलहाल CBI को जांच जारी रखने दे। CJI ने कहा कि रेप और हत्या मामला के साथ वित्तीय अनियमितताओं, दोनों पहलुओं पर CBI जांच की है। पश्चिम बंगाल मे डॉक्टरों के एक समूह के लिए पेश वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि घटना के दिन कुछ लोग ऐसे थे जो पुलिस के पहुंचने से पहले ही घटनास्थल पर पहुंच गए थे।
वही वकील करूणा नंदी ने कहा कि CBI की रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर कई लोगों का जिक्र किया गया है और वो लोग उस दिन अपराध स्थल पर भी मौजूद थे। उनमें से तो कई अभी भी पद पर भी हैं। कम से कम उन्हें जांच पूरी होने तक अस्थायी रूप से निलंबित किया जाना चाहिए। हड़ताल करने वाले जूनियर डॉक्टर्स के काम पर लौटने के मामले पर वकील इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट को बताया कि सभी जूनियर डॉक्टर काम पर वापस आ गए हैं। उन्होंने कहा कि एक बात य़ह है कि उन डॉक्टरों की प्रतिष्ठा का क्या होगा?।क्योंकि जांच में शामिल सात लोग अभी भी आरजी कार में नौकरी कर रहे हैं और हम केवल उनके अस्थायी निलंबन की मांग है, वो भी इसलिए ताकि हम विश्वास के साथ काम कर सकें। अगर वे सभी अभी भी अपने पद पर हैं तो हमसे काम करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
CJI ने SG से कहा कि आप हमें बताएं कि आरजी कार में अभी भी कौन लोग कार्यरत हैं।जिनके खिलाफ जांच चल रही है और जिनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताएं होने का आरोप है। CJI ने कहा कि आखिरकार कोई भी कार्रवाई राज्य सरकार को ही करनी है। ऐसे मे राज्य सरकार के साथ जानकारी साझा करना उचित होगा। CJI ने डॉक्टरों को आश्वासन देते हुए कहा कि इस समय हम रेप व हत्या के मामले के साथ वित्तीय अनियमितताओं को देख रहे हैं लेकिन आप आश्वस्त रहें कि हम अन्य चीजें भी देख सकते हैं। CJI ने CBI की ओर से सौपी गई चौथी स्टेटस रिपोर्ट पर कहा जांच में मिले सुरागों और उठाए गए कदमों की जानकारी दी है। इस स्तर पर जब जांच प्रगति पर है,रिपोर्ट का ब्यौरा देना उचित नहीं होगा। CBI की जांच का विषय है कि बलात्कार और हत्या के साथ वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बीच क्या संबंध है?
CJI ने कहा कि कई ऐसे व्यक्ति, जिनके विरुद्ध गंभीर आरोप हैं, कॉलेज में पदों पर आसीन हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे व्यक्तियों को या तो निलंबित किया जाना चाहिए या छुट्टी पर जाने का निर्देश दिया जाना चाहिए, इस मामले पर राज्य सरकार को निर्णय लेना है। CJI ने कहा कि इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल के वकील ने कहा है कि यदि CBI ऐसे किसी व्यक्ति की कोई जानकारी उनसे साझा करती है तो राज्य कानून के मुताबिक उन पर कार्रवाई करेगा। CJI ने पश्चिम बंगाल ने सरकार से पूछा कि हॉस्पिटल में सीसीटीवी कैमरे और शौचालयों और अलग विश्राम कक्षों के निर्माण आदि के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?। पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि हमें निर्माण पूरा करने के लिए और समय चाहिए क्योंकि राज्य मे बाढ़ की समस्या है और निर्माण सामग्री लाने मे कई परेशानियां हो रही है।
साथ ही बंगाल सरकार ने बताया कि CCTV लगाने का लगभग 75 प्रतिशत काम 10 अक्टूबर तक पूरे होने की संभावना है। CJI ने कहा कि हम 9 अगस्त से मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। अभी आपका काम आधा भी नहीं हुआ है इसकी प्रक्रिया इतनी धीमी क्यों है?। हालांकि कोर्ट ने बंगाल सरकार के इस बयान को भी रिकॉर्ड पर लिया जिसमें पश्चिम बंगाल द्वारा दी गई स्टेटस रिपोर्ट से पता चलता है कि काम जारी है हालांकि राज्य ने संकेत दिया है कि सभी शेष कार्य 31 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा, लेकिन राज्य ने आश्वासन दिया है कि वह 15 अक्टूबर तक ही लगभग सभी काम पूरा करने के लिए सभी प्रयास करेगा।साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने SG तुषार मेहता से अगली सुनवाई के दौरान नेशनल टास्ट फोर्स की रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी।