दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेप 4 के तहत लगी पाबंदियों को हटाने की इजाज़त दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी कुछ अतिरिक्त पाबन्दियों के साथ ग्रेप 2 लागू कियाजा सकता है। कोर्ट ने कहा कि स्टेज 2 से कम की स्टेज को अभी लागू नहीं किया जाएगा। जस्टिस अभय एस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने AQI में गिरावट के चलते ये फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि अगर AQI 350 से ऊपर जाता है तो कमीशन तुंरत ग्रेप 3 और अगर 400 से ऊपर गया तो कमीशन तुंरत ग्रेप 4 लागू करेगा।
इसके अलावा NCR राज्यों की ओर से निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को मुआवजा देने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। NCR राज्यों के मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए। दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील शादान फरासत ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 90 हजार मजदूरों को 2 हजार का भुगतान किया गया है। इसस पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि 90 हजार मजदूर 8 हजार रुपए के हकदार हैं, आप बचे हुए 6 हजार कब तक देंगे। क्या आप मजदूरों को भूखा रखना चाहते हैं। हम कंटेप्ट नोटिस जारी कर रहे हैं। इसके जवाब में दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि हम कल तक भुगतान कर देंगे।
पिछली सुनवाई में NCR राज्यों की ओर से निर्माण कार्य में लगें मजदूरों को मुआवजा देने के आदेश पर अमल न करने पर नाराजगी जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगली सुनवाई में सभी NCR राज्यों के चीफ सेकेट्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के दौरान मौजूद रहे तभी वो हमारे आदेश की गंभीरता को समझेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस दरम्यान राज्य सरकार हलफनामा दायर करे। SC ने कहा था कि अगर हमे लगेगा कि इस आदेश पर अमल नहीं हो रहा, तो हम जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू कर सकते है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने NCR राज्यों से कहा था कि वो लेबर सेस के रूप में जमा पैसे का उपयोग श्रमिकों को जीविका प्रदान करने के लिए करें, अभी ग्रेप के तहत दिल्ली NCR में कंस्ट्रक्शन पर पूरी तरह से बैन है।