कोलकाता रेप-हत्याकांड पर सुप्रीम कोर्ट बड़ा आदेश दिया है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ ने CBI गुरुवार तत स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के निर्देश दिए है। साथ ही 14 अगस्त हुए आरजी कर अस्पताल में हुए तोड़कर पर पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने डाक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया। दरअसल, टास्कफोर्स चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा, भलाई और अन्य संबंधित मामलों पर विचार करेगी। लिंग आधारित हिंसा को रोकना, इंटर्न, रेजिडेंट, नॉन रेजिडेंट डॉक्टरों के सम्मानजनक कामकाज के लिए राष्ट्रीय योजना तैयार करना होगा। कमिटी इन विषयों पर भी अपनी रिपोर्ट देगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश एक और हत्या रेप मामले का इंतजार नहीं कर सकता। राज्य सरकार ये सुनिश्चित करें कि जो लोग तोड़फोड़ में शामिल थे उनके खिलाफ करवाई करें
ये लोग होंगे टास्क फोर्स का हिस्सा
1.एडमिरल आर सरीन, महानिदेशक चिकित्सा सेवा नौसेना
2.डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी.
3.डॉ. एम श्रीनिवास, एम्स अस्पताल, दिल्ली निदेशक
4.डॉ. प्रतिमा मूर्ति, निमहंस अस्पताल, बैंगलोर
5.डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी, एम्स अस्पताल, जोधपुर
6.डॉ. सोमिकरा रावत, सदस्य गंगाराम अस्पताल, दिल्ली
7.प्रोफ़ेसर अनीता सक्सेना, कुलपति
8.पल्लवी सैपले, जेजे ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स
9.पद्मा श्रीवास्तव, पारस अस्पताल गुड़गांव में न्यूरोलॉजी की अध्यक्ष।
NTF के सदस्य भी होंगे जिसमें भारत सरकार के कैबिनेट सचिव,भारत सरकार के गृह सचिव,केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव,राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सदस्य होंगे जो तीन हफ्ते मे अंतरिम रिपोर्ट दाखिल करेंगे।
टास्क फोर्स इन बिंदुओं पर दो महीने मे रिपोर्ट सौंपेगी
- आपातकालीन कक्ष के क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा की आवश्यकता हो सकती है?
- हथियारों को प्रवेश करने से रोकने के लिए बैगेज स्क्रीनिंग की आवश्यकता है।
- यदि कोई व्यक्ति मरीज नहीं है तो उसे एक सीमा से अधिक की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
- भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा वयवस्था।
- डॉक्टरों के लिए विश्राम कक्ष और डॉक्टरों, नर्सों के आराम करने के लिए अलग अलग स्थान होना चाहिए
- ऐसे क्षेत्रों में बायोमेट्रिक्स और चेहरे की पहचान होनी चाहिए।
- सभी क्षेत्रों में उचित प्रकाश व्यवस्था, सभी स्थानों पर CCTV लगाना
- चिकित्सा पेशेवरों के लिए रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक आने जाने की वयवस्था
- समस्या और संकट से निपटने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करना।
- संस्थागत सुरक्षा उपायों का तिमाही ऑडिट किया जाना
- आने वाले लोगों के अनुरूप पुलिस बल की जरूरत
- POSH अधिनियम चिकित्सा प्रतिष्ठानों पर लागू होता है। इसलिए ICC का गठन किया जाना चाहिए।
- चिकित्सा व्यवसाय की आपातकालीन स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर
RG कर हॉस्पिटल की सुरक्षा CISF को सौंपी
साथ ही सुप्रीम कोर्ट RG कर हॉस्पिटल की सुरक्षा CISF को सौंपी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तोड़फोड़ के बाद हम पुलिस पर भरोसा नहीं कर सकते। आपको बता दें कि मंगलवार को सुनवाई शुरू होते ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम डॉक्टरों, खासकर महिला डॉक्टर और युवा डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंता है। CJI ने कहा कि हम पीड़िता की पहचान उजागर होने को लेकर चिंतित है। पीड़िता की फोटो और पोस्टमार्टम के बाद उसकी बॉडी को दिखाना चिंताजनक है। इस मामले मे हर जगह पीड़िता की पहचान उजागर हुई। शव माता-पिता को देर से सौंपा गया। पुलिस क्या कर रही थी? पुलिस ने क्राइम सीन को प्रोटेक्ट क्यों नही किया? हजारों लोगो को अंदर क्यों आने दिया? प्रिंसिपल को दूसरे कॉलेज में क्यों ज्वाइन कराया गया?
ये बेहद गंभीर मुद्दा: CJI
CJI ने कहा कि ये बेहद गंभीर मुद्दा है, CJI ने कहा कि CBI इस मामले में गुरुवार तक स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करें। जांच इस समय नाजुक दौर में है। इसलिए डायरेक्ट रिपोर्ट कोर्ट में दी जाए। CJI ने कहा कि हम एक नेशनल टास्क फोर्स बनाना चाहते है जिसमें सभी डॉक्टरों की भागीदार हो। CJI ने कहा कि डॉक्टरों को कहा की आप हम पर भरोसा करें, जो डॉक्टर हड़ताल पर है। इस बात को समझे की पूरे देश का हेल्थ केयर सिस्टम उनके पास है। CJI ने पूछा कि सबसे पहले FIR किसने और कब दर्ज कराई। पश्चिम बंगाल के लिए पेश वकील सिब्बल ने कहा 11.45 PM पर FIR दर्ज की गई।
FIR दर्ज करने में देरी क्यों?: CJI
CJI ने पश्चिम बंगाल सरकार और हॉस्पिटल प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि अभिभावकों को बॉडी देने के 3 घंटे 30 मिनट की देरी के बाद क्यों FIR दर्ज की गई? CJI ने कहा की जब हत्या हुई थी तो पीड़िता के माता पिता वहा मौजूद नही थे। ये हॉस्पिटल प्रबंधन की जिम्मेदारी थी की वो FIR दर्ज कराए। CJI ने पूछा कि मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल को लेकर पूछा कि पश्चिम बंगाल सरकार क्या करवाई करेगी? CJI ने कहा कि हम डॉक्टरों से अपील करते हैं कि हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैं। हम इसे हाईकोर्ट के लिए नहीं छोडेंगे। य़ह बड़ा राष्ट्रहित का मामला।
पश्चिम बंगाल में कानून- व्यवस्था ध्वस्त: SG
वहीं SG तुषार मेहता ने कहा कि पूरे राज्य में कानून- व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। बड़ा सवाल है कि सात हजार लोग कैसे अस्पताल में घुस गए? उन्होंने कहा कि इसे छोटी घटना नहीं समझना चाहिए। हम एक युवा डॉक्टर के साथ एक यौन विकृत व्यक्ति द्वारा बलात्कार की घटना से निपट रहे हैं लेकिन उसमे एक पशु जैसी प्रवृत्ति भी थी। SG ने कहा कि मैं इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहता लेकिन लेकिन माता-पिता को 3 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। उन्होंने कहा अगर कोई कार्यक्रम में 500 लोगों को बुलाना होता है तो हमें इसकी तैयारी करनी होती है और 7 हजार लोग लाठी डंडे के साथ हॉस्पिटल आते है वो बिना पुलिस के जानकारी के संभव ही नहीं है।
इस वारदात ने पूरे देश की आत्मा को झकझोर दिया: CJI
CJI ने कहा कि इस वारदात ने पूरे देश की आत्मा को झकझोर दिया। हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि राज्य सरकार अस्पताल में तोड़फोड़ के मुद्दे को कैसे नहीं संभाल पाई? CJI ने कहा कि राज्यों के मौजूदा कानून डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों के लिए संस्थागत सुरक्षा मानकों को पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं करते हैं। CJI ने कहा कि हम इस बात को लेकर चिंतित है और य़ह साफ कहना चाहते है की शांति पूर्ण प्रदर्शन करने वालों पर सरकार बल का प्रयोग न करें। CJI ने कहा कि डॉक्टरों के पास आराम करने के लिए जगह नहीं है। उनके लिए बुनियादी स्वच्छता का ख्याल नहीं रखा जाता है। चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा इकाइयों में सुरक्षा की कमी है।डॉक्टरों को अनियंत्रित रोगियों को संभालने के लिए छोड़ दिया जाता है। अस्पताल में चिकित्सा पेशेवरों के लिए केवल एक सामान्य शौचालय है। उनको शौचालय तक पहुंच के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इसके अलावा राज्य सरकार से भी य़ह सुनिश्चित करने को कहा कि जो लोग तोड़फोड़ में शामिल थे उनके खिलाफ करवाई करें।
SC ने हड़ताली डॉक्टरों से काम पर वापस आने की अपील की
सुप्रीम कोर्ट ने हड़ताली डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेकर काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत उनकी बात को अत्यधिक महत्व दे रहा है। CJI ने कहा कि टास्कफोर्स चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा, भलाई और अन्य संबंधित मामलों पर विचार करेगी। जिसका काम लिंग आधारित हिंसा को रोकना, इंटर्न, रेजिडेंट, नॉन रेजिडेंट डॉक्टरों के सम्मानजनक कामकाज के लिए राष्ट्रीय योजना तैयार करना होगा। कमिटी इन विषयों पर भी अपनी रिपोर्ट देगी। सुनवाई के दौरान CJI ने कहा कि देश एक और हत्या रेप मामले का इंतजार नहीं कर सकता। इससे पहले हमने कुछ करना होगा। SG तुषार मेहता ने पश्चिम बंगाल सरकार पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सकार पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्यों छिपा रही है? इसपर कपिल सिब्बल ने कहा कि पूरी केस डायरी हमने CBI को ट्रांसफ़र कर दिया है। जिसमें सबकुछ है।इसमे छुपाने के लिए कुछ नहीं है। इसके बाद कोर्ट को भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट दी गई जिसको कोर्ट देख रही है।