देशभर में बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ दायर जमीयत उलेमा ए हिंद और अन्य की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा लिया है। सुप्रीम कोर्ट अब अपने फैसले के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर गाइडलाइन जारी करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि 17 सितंबर को दिया अंतरिम आदेश जारी रहेगा। यानि देश भर में लोगों की निजी संपति को बुलडोजर कार्रवाई से ढहाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट की लगाई रोक जारी रहेंगी, ये रोक सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश तक जारी रहेगी, लेकिन अगर अतिक्रमण सड़क, फुटपाथ, रेलवे लाइन पर है तो उसे हटाये जाने पर कोई रोक नहीं है। दरअसल, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान पूछा कि क्या दोषी करार देने पर भी किसी की संपत्ति तोड़ी जा सकती है?।
राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश SG तुषार मेहता ने कहा कि नहीं, यहां तक कि हत्या, रेप और आतंक के केस के आधार पर भी दोषी करार दिए जाने पर ही तोड़ा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं और हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे, चाहे वे किसी भी धर्म या समुदाय के हों। अगर यह सार्वजनिक सड़क या फुटपाथ या जल निकाय या रेलवे लाइन क्षेत्र पर है, तो हमने स्पष्ट कर दिया है तो बेशक अतिक्रमण हटाने के लिए हमने कहा है। कोर्ट ने कहा कि हम नहीं चाहते कि अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना चाहे वह गुरुद्वारा, दरगाह या मंदिर हो, इसकी वजह से लोगों को समस्या नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि चाहे वह मंदिर हो, दरगाह हो उसे हटाना होगा क्योंकि सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने यह बात तब कहीं जब सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यहां विषय य़ह है कि कुछ उदाहरणों के आधार पर निर्देश जारी कर रहे हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है जबकि लेकिन निर्देश पूरे भारत में लागू होंगे। नगर निगम नगर पंचायत समिति अलग-अलग अथॉरिटीज के अलग-अलग नियम होने के आधार पर कोर्ट ने एक ऑनलाइन पोर्टल बनाए जाने की बात कही। जिससे लोग जागरूक हों, एक बार जब आप इसे डिजिटल कर देंगे तो कोई गुंजाइश नहीं रहेगी क्योंकि वह एक रिकॉर्ड होगा।जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि नोटिस की सही सर्विस होनी चाहिए। पंजीकृत एडी के माध्यम से नोटिस हो, नोटिस चिपकाने की यह प्रक्रिया चले, उनका डिजिटल रिकॉर्ड होना चाहिए। हमारे पास भारत से पर्याप्त विशेषज्ञ है। इससे अधिकारी भी सुरक्षित रहेंगे।
जस्टिस केवी विश्वनाथन ने सुनवाई के दौरान कहा कि इसके लिए कुछ समाधान खोजना होगा, जैसे न्यायिक निरीक्षण किया जाए। SG ने य़ह सवाल भी उठाया कि हिंदू-मुस्लिम की बात क्यो आती है?। जब किसी के साथ अगर गलत हुआ है तो वह हमेशा अदालत में जाने के लिए स्वतंत्र है इसमें भेदभाव कहां है? SG ने कहा कि कोर्ट मीडिया में प्रचारित कुछ घटनाओं को छोड़कर इसके लिए एक सामान्य कानून बनाए जाने पर विचार करें। कोर्ट ने कहा कि पिछले कुछ साल में 4 से 5 लाख डिमोलिशन की कर्रवाई हुई है।SG ने कहा कि इनमें से मात्र दो प्रतिशत के बारे में हम अखबारों में पढ़ते हैं जिसको लेकर विवाद होता है। जस्टिस गवई ने इस पर मुस्कुराते राते हुए कहा कि बुल्डोजर जस्टिस! जस्टिस गवई ने कहा कि हम निचली अदालतों को निर्देश देंगे कि अवैध निर्माण के मामले में आदेश पारित करते समय सावधान रहें।
कोर्ट ने कहा कि भले ही यह अधिकृत निर्माण ना हो लेकिन इस तरह से महिलाओं, वृद्धों और बच्चों को सडक पर देखना अच्छा नहीं लगता है। अगर कार्रवाई से पहले उनको समय मिले तो वो लोग रहने के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था कर ले। वही जस्टिस गवई ने कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं। हमारे निर्देश पूरे देश में लागू होंगे। इसलिए हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारा आदेश अतिक्रमणकारियों की मदद न करे, याचिकाकर्ता के वकील सीयू सिंह ने आरोप लगाया कि हमेशा नगर निगम के कानूनों का दुरुपयोग किया जाता है। पिछले 2 सालों में ही ऐसी घटनाएं हुई हैं। जैसे गणेश पंडाल पर पथराव की घटना हुई और उसी दिन अनधिकृत निर्माण बताते हुए कुछ लोगों के घर पर बुलडोजर चला दिया गया। जस्टिस गवई ने कहा कि अगर कोई अदालत के कानून का दुरुपयोग करता है तो हम उसे रोक नहीं सकते।
SG ने कहा कि इसके लिए एक उचित समय सीमा दिए जाने की बात कही गई है। वकील सीयू सिंह ने विरोध करते हुए कहा हम लंबा समय चाहते हैं। इसका दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज चुनाव इसी आधार पर लड़े जा रहे हैं। यह चुनाव का एक हथियार बन गया है। उत्तर प्रदेश में जावेद मोहम्मद नाम के एक व्यक्ति पर हिंसा का मास्टरमाइंड होने का आरोप है। उसका दो मंज़िला घर गिरा दिया गया जबकि घर उसकी पत्नी के नाम पर था। इसका कारण बताया गया कि नक्शा स्वीकृत नहीं था इस तरह की दलीलों को हर जगह हथियार बनाया गया है, बुलडोजर की कार्रवाई करने के लिए हर जगह इसे आधार बनाया जाता है।