शंभू बॉर्डर खोलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से बातचीत कर गतिरोध को ख़त्म करने में लिए कमेटी के गठन के लिए पंजाब, हरियाणा सरकार की ओर से सुझाए नामों पर संतुष्टि जताई की है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कमेटी के लिए ग़ैर राजनीतिक लोगों का चयन सराहनीय है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो कमेटी के गठन पर आदेश देगा।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार से कहा है कि वो शंभू बॉर्डर को आशिंक रूप से खोलने के लिए काम करें। कोर्ट ने पटियाला और अंबाला के पुलिस अधिकारियों को 1 हफ्ते में मीटिंग कर इस पर विचार करने को कहा है कि कैसे शंभू बार्डर को आशिंक रूप से खोला जा सकता है, दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों को तय करना है कैसे एम्बुलेंस, ज़रूरी सेवाओ, छात्राओं, और रोज़ाना सफ़र करने वाले लोगों के लिए हाइवे को खोला जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर दोनों हरियाणा और पंजाब सरकार सामाधान करने में सक्षम हैं, तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार करने की जरूरत नहीं है, समाधान को तुरंत प्रभावी होने देना चाहिए।मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त होगी।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार से कहा था कि वो किसानों से संवाद के जरिए इस गतिरोध को खत्म करने की दिशा में पहल करें। कोर्ट ने रास्ता बंद होने के चलते लोगों को ही रही दिक्कतो पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार से कहा था कि वो उन वार्ताकारों के नाम सुझाए जो किसानों और सरकार से बात कर समस्या का समाधान निकाले।