सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकीलों से सोमवार को ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान बार के युवा वकीलों को मौका दिए जाने की अपील की। एक सिविल अपील पर सुनवाई के दौरान जस्टिस पीएस नरसिम्हा व जस्टिस संजय करोल की बेंच ने कहा कि युवा वकीलों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान बहस करने का मौका मिलना चाहिए।
जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने यह उस समय कहा, जब वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए और दलीलें पेश करने लगे। तब बेंच की अपील पर सिंघवी ने कहा कि वह निश्चित तौर पर इसका समर्थन करेंगे और उन्होंने अदालत से इस पर नियम लाने का भी अनुरोध किया।
बेंच में शामिल जस्टिस करोल ने अदालत में मौजूद सभी वरिष्ठ अधिवक्ताओं से कहा कि बार के युवा वकीलों को छुट्टियों के दौरान मौका दें। जवाब में सिंघवी ने कहा कि एक बात कह सकता हूं कि अगर लॉर्डशिप इस पर एकीकृत नियम लें आएं तो यह करना बहुत ही आसान होगा। इस पर जस्टिस करोल ने कहा कि ऐसा करना अदालत का काम नहीं है, तब सिंघवी ने कहा कि आप ऐसा क सकते हैं। ऐसा सामूहिक रूप से किया जाना चाहिए। यह समस्या है कि 10 सहयोगी पेश होते हैं और 10 नहीं।
जस्टिस करोल ने कहा कि अदालत चाहता है कि युवा भी बार में बढ़ें और छुट्टियों के दौरान युवा अधिवक्ताओं को दलीलें पेश करने का मौका मिले। हम बस इतना ही चाहते हैं कि युवाओं को आगे आने का मौका मिले। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कुछ बेंच वरिष्ठों को मामले पर बहस करने की मंजूरी नहीं दे रही हैं और इसी तरह से यह बेंच भी ऐसा कर सकती है। गौरतलब है कि सर्वोच्च अदालत का ग्रीष्मकालीन अवकाश आज से शुरू हो गया है और जुलाई के पहले सप्ताह तक जारी रहेगा। इस अवधि के दौरान मामलों की सुनवाई अवकाशकालीन बेंच द्वारा की जाएगी।