दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली है। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस संदीप मेहता की वेकेशन बेंच ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फिलहाल सुनवाई से इंकार करने हुए इसका निपटारा कर दिया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत का निपटारा ED के उस बयान के बाद किया, जिसमें ED ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि शराब घोटाले मामले में दो हफ्ते में जांच पूरा कर लेंगे और अंतिम चार्टशीट 3 जुलाई तक दाखिल कर देंगे, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंतिम चार्टशीट दाखिल होने के बाद सिसोदिया जमानत याचिका फिर से दाखिल कर सकते हैं।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान ED की ओर से पेश SG ने मनीष की जमानत याचिका का विरोध किया। वहीं दूसरी तरफ मनीष सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील देते हुए कहा कि निचली अदालत में कुल 137 अर्जियां दाखिल की गई, जिसको निचली अदालत न स्वीकार किया। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि मामले मे दो एजेंसियां है, क्या दोनों एजेंसियों ने एक चार्जशीट दाखिल की है। सिंघवी ने कहा कि दोनों ने अलग अलग चार्जशीट दाखिल की है।
जस्टिस अरविंद कुमार ने एजेंसी की ओर से SG से पूछा कि हमें मामले के मेरिट पर गए बिना सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखना होगा, जिसमें तीन महीने की देरी के बाद जमानत की मांग की बात कही गई थी। इसके अलावा कोर्ट ने SG से पूछा कि सिंघवी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक प्रथम दृष्टया यह लग रहा है कि मामले की सुनवाई मे सिसोदिया के कारण कोई देरी नहीं हुई है। यह उन्हें जमानत का लाभ नहीं दे सकता?। साथ ही मामले मे मुकदमा कब शुरू होगा और मुख्य गवाह कौन हैं? इन सवालों पर विचार करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में किसी भी पक्ष के द्वारा देरी उचित नहीं है। हालांकि साक्ष्यों की मात्रा ज़्यादा होने के कारण देरी अपरिहार्य हो सकता है। ऐसी स्थिति मे य़ह एक मुद्दा है कि आरोपी की स्वतंत्रता से संबंधित मामलों से कैसे निपटा जाए?।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने गुण-दोष के आधार पर निष्कर्ष दर्ज किया है, जो नहीं किया जाना चाहिए था। हाई कोर्ट का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट अदालत की टिप्पणियों के विपरीत है। जस्टिस संदीप मेहता ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि क्या जांच एजेंसी यह बता सकती है कि वह इस मामले में अब कोई सप्लीमेंट्री चार्टशीट दाखिल नहीं करेगी।
इसके अलावा इस मामले में यह भी बताने को कहा कि शराब नीति से जुड़े हुए सभी जांच पूरी हो चुकी हैं और इस मामले से जुड़े हुए सभी आरोपी गिरफ्तार किया जा चुके हैं। जवाब में तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में तीन जुलाई को आखिरी सप्लीमेंट्री चर्चित दाखिल हो सकती उसके बाद कोई भी चार्जशीट दाखिल नहीं की जाएगी, साथ ही उन्होंने कोर्ट को यह आश्वासन भी दिया कि अगर कोर्ट चाहे है तो निचली अदालत में डे बाय डे के आधार पर मामले की सुनवाई पूरी करने का आदेश दे सकती है, इसमे एजेंसी को कोई आपत्ति नहीं है।