दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने BRS नेता के कविता को जमानत दे दी है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने CBI और ED दोनों मामलों में 10-10 लाख रुपए के जमानत बांड जमा करने पर तुरंत रिहा करने का आदेश देते हुए कहा कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा या किसी भी तरह से कार्यवाही को प्रभावित नहीं करेगा।इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा यह आदेश केस की मेरिट पर या ट्रायल पर को प्रभावित नहीं डालेगा। कोर्ट ने कहा कि उनको पासपोर्ट जमा करना होगा और जांच एजेंसी को भी रिपोर्ट करना होगा और उन्हें मामले के ट्रायल मे सहयोग करना होगा।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट कहा कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है, चार्जशीट भी दाखिल हो चुके है। इस मामले में 493 गवाह है। इसके अलावा वो महिला हैं ऐसे में उनको जमानत क्यों न दी जाय?। दरअसल, के कविता को 15 मार्च को गिरफ्तार किया गया था तब से वह जेल मे है। पहले ED ने गिरफ़्तर किया, इसके बाद CBI ने भी उनको गिरफतार किया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कइ इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है। के कविता की अब हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत नहीं है, वह पिछले पांच महीने से वो जेल में है। 493 गवाह है ऐसे में इस मामले मे जल्द ट्रायल पुरा नही हो सकता। इसलिए उनको ज़मानत दी जाती है।
मंगलवार को जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली बेंच में सुनवाई शुरू होते ही के कविता की तरफ से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि जहां ED के मामले में पांच महीने लगे वही CBI के मामले मे चार महीने लगे, इन दोनों मामलों में गवाहों की कुल संख्या 493 है और दस्तावेजों की कुल संख्या करीब 50 हजार पन्नों की है। रोहतगी ने कहा कि दोनों मामले में जांच पूरी हो चुकी है। वह एक पूर्व सांसद हैं और देश छोडकर भागने का कोई खतरा भी नहीं है। वही इससे जुड़े मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत भी मिल चुकी है। वैसे भी आम तौर पर महिलाओं को जमानत मिल जाती है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम एक कमजोर महिला नहीं हैं। रोहतगी ने कहा कोई रिकवरी नहीं हुई जबकि आरोप है कि 100 करोड़ रुपये दक्षिण लॉबी से दिल्ली लाए गए लेकिन कोई रिकवरी नहीं हुई। उन्होंन कहा कि साउथ ग्रुप को पैसे भेजने के बारे में किसी तरह की कोई बरामदगी नहीं हुई। उनपर य़ह भी आरोप है कि कविता ने गवाह को धमकाया, लेकिन ऐसा कोई मामला नहीं है।
ASG एसवी राजू ने कहा कि कविता का व्यवहार सबूतों से छेड़छाड़ करने और गवाहों को धमकाने जैसा रहा है।सुप्रीम कोर्ट ने ED और CBI से पूछा की के कविता के खिलाफ आपके पास क्या सबूत है?। कोर्ट ने कहा कि के केविता ने भारतीय राजनीति और लोगों के लिए बहुत कुछ किया है। के कविता पढ़ी लिखी महिला है। समाज में उनकी गहरी जड़े है। ASG राजू ने कोर्ट के इस तर्क पर कहा लेकिन य़ह सब जमानत आधार नही हो सकता। कोर्ट ने कहा कि फोन फॉर्मेट करना और सबूत मिटाना दोनों अलग अलग बाते है। आप साबित करिए की उन्होंने सबूत मिटाए है। ASG राजू ने कहा कि CDR से पता चला है कि आरोपियों से फोन पर बात की गई है। कोर्ट ने एजेंसी को फटकार लगाई कहा कि जांच एजेंसी पिक एंड चूज नहीं कर सकती और एजेंसी किसी को भी आरोपी नहीं बना सकते है।