सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है कि वो सतेंद्र जैन की डिफॉल्ट ज़मानत याचिका पर 9 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई पर फैसला ले। सतेंद्र जैन ने दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई टलने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। दिल्ली हाई कोर्ट में दायर अपनी ज़मानत याचिका में सतेन्द्र जैन ने कहा है कि ED ने इस केस के सभी पहलुओं की जांच किए बगैर ही 27 जुलाई 2022 को अधूरी चार्जशीट दाखिल कर दी ताकि वो डिफ़ॉल्ट बेल का अधिकारी नहीं बन सके।
जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एसवीएन भट्टी की वेकेशन बेंच ने कहा कि जमानत याचिकाओं को अनावश्यक रूप से स्थगित नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जताई कि दिल्ली हाईकोर्ट आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन की डिफ़ॉल्ट जमानत याचिका पर बिना देरी के फैसला करेगा।दरअसल, सत्येंद्र जैन ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट ने सत्येंद्र जैन की डिफॉल्ट जमानत पर नोटिस जारी करते हुए 9 जुलाई तक के लिए टाल दिया था।
सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन की ओर पेश से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्होंने लंबे स्थगन आदेश को चुनौती दी है।सिंघवी ने कहा कि इस मामले से कानून का एक बड़ा सवाल खड़ा हुआ है कि क्या जांच एजेंसी द्वारा अधूरे आरोपपत्र दाखिल करके आरोपी के ‘डिफॉल्ट’ जमानत के अधिकार को खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसी तरह का एक मामला शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष विचाराधीन है और उन्होंने अवकाशकालीन पीठ से आग्रह किया कि जैन की जमानत याचिका को भी इसके साथ संलग्न कर दिया जाए। जस्टिस मनोज मिश्रा ने सिंघवी से कहा कि पीठ में दो जज हैं, इसलिए वह इस मुद्दे पर निर्णय नहीं कर सकती, जो तीन जजों की पीठ के समक्ष विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर हाईकोर्ट को निर्णय लेने दीजिए, फिर हम इस पर विचार करेंगे। हाईकोर्ट तथ्यात्मक पहलू को ध्यान में रखते हुए मामले के गुण-दोष पर विचार करेगा।