सुप्रीम कोर्ट में आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट परिसर में SCBA की ओर से आयोजित समारोह में नए CJI संजीव खन्ना ने कहा कि संविधान जीवन जीने का एक तरीका है, जिसके अनुसार हमें जीना है। CJI बनने के बाद मैंने बार के सदस्यों की समस्याओं पर गौर किया है। पिछले 3 महीनों में 9 से 10 हजार स्थगन पत्र वितरित किए गए, यह प्रति माह लगभग 3 हजार स्थगन पत्र हैं, बार के सदस्य इससे निपटने के लिए सुझाव लेकर आते हैं, हम पहले वाली प्रणाली पर वापस नहीं जा सकते।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नए CJI संजीव खन्ना ने कहा कि आज हम आत्मविश्वासी राष्ट्र हैं और इसके पीछे भारत का संविधान है। संविधान हमारी स्थायी विरासत और भविष्य की प्रतिबद्धताओं के लिए एक श्रद्धांजलि है। CJI ने कहा कि हम अक्सर न्यायपालिका को जजों के रूप में जानते हैं लेकिन मेरे हिसाब से बार के बिना न्यायपालिका की कल्पना नहीं की जा सकती,आप न्यायपालिका का उतना ही हिस्सा हैं जितना कि जज।
CJI ने आगे कहा कि मैंने बार में 22 साल बिताए हैं और बार में मेरा कार्यकाल एक न्यायाधीश के रूप में मेरे कार्यकाल से कहीं अधिक लंबा है। हम बार से आते हैं और बार में वापस जाते हैं। बार जितना बेहतर होगा उतना ही बेहतर न्यायाधीश होगा। बार लोगों का पक्ष रखने वाला प्रवक्ता भी है जिस पर आम नागरिक विश्वास करते हैं। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना समेत सुप्रीम कोर्ट के सभी जज शामिल हुए साथ ही AG आर वेकटरमणी, SG तुषार मेहता SCBA अध्यक्षता वकील कपिल सिब्बल समेत अन्य सभी बार सदस्य भी मौजूद रहे।