सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका पर केंद्र सरकार को 18 मार्च तक फैसला लेने को कहा है। जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने सोमवार को साफ किया कि वो केंद्र सरकार को आखिरी मौक़ा दे रहा है, या तो इस दरमियान सरकार कोई फैसला ले ले, नहीं तो फिर ख़ुद इस याचिका की मेरिट के आधार पर 18 मार्च को सुनवाई करेगा। दरअसल, राजोआना करीब 29 साल से जेल में बंद है। करीब 12 साल से उसकी दया अर्जी पेंडिंग है। उसने दया याचिका के निपटारे में हो रही देरी का हवाला देते हुए रिहाई की मांग की है।
आपको बता दें कि राजोआना की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि मौत की सजा के मामले में लंबे समय तक देरी करना मौलिक अधिकार का हनन है। साथ ही दया याचिका पर फैसला होने तक पेरोल पर छोडे़ जाने की भी मांग की गई है। राजोआना का कहना है कि बम ब्लास्ट में मुख्यमंत्री की मौत हो गई थी और इस मामले में जुलाई 2007 में मौत की सजा सुनाई गई थी। हाई कोर्ट ने 2010 में सजा बरकरार रखी थी। इसके बाद से वह 27 साल से जेल में हैं और 2012 से दया याचिका लंबित है।
सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह एक मुख्यमंत्री समेत 16 लोगों की हत्या का मामला है। सरकार अभी इस मुद्दे पर विचार कर रही है। पिछली सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने राजोआना की मर्सी पिटीशन पर गृहमंत्रालय से जल्द फैसला लेने को कहा था। राजोआना लगभग 27 साल से जेल में बंद है और उसकी दया याचिका भी 12 साल से ज्यादा वक्त से केंद्र सरकार के पास लंबित है।