नारियल तेल बेचने वाली कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आदेश दिया कि नारियल तेल के छोटे पैक को खाद्य तेल के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है यानी अब इसके ऊपर सिर्फ 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा। दरअसल यह विवाद पिछले 15 साल से अदालतों में चल रहा था कि नारियल तेल का छोटा पैक कॉस्मेटिक वस्तुओं के काम आता है या फिर खाने के तेल के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर दूसरी छोटी तेल की पैकिंग के ऊपर भी पड़ेगा, जिनके दाम आने वाले दिनों में कम हो सकते हैं। मसला ये था कि नारियल तेल के 200 एमएल का पैक का इस्तेमाल एडिबल ऑयल यानि खाने के तेल के तौर पर किया जाता है या बालों में लगाने के लिए? पिछले 15 सालों से ये मामला टैक्स ट्राइब्यूनल से लेकर अदालत की चौखट में घूम रहा था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। इसी साल 17 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
CJI संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने आदेश में तय किया कि छोटे बॉटल वाले नारियल तेल को सिर्फ हेयर ऑयल नहीं, बल्कि खाने का तेल भी माना जाए। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि नारियल तेल को छोटी बोतलों में पैक किया जाता है और बालों पर उपयोग के लिए लेबल किया जाता है, तब भी इसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क टैरिफ अधिनियम, 1985 के तहत बालों के तेल के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए।
इस मसले पर विवाद की शुरुआत 2009 में शुरु हुआ था जब सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विसेज अपलेट ट्राइब्यूल ने अपने आदेश ने कहा कि छोटे नारियल तेल के पैक को सेंट्रल एक्साइज टैरिफ एक्ट के तहत खाने का तेल माना जाए। जबकि राजस्व विभाग रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विसेज अपलेट ट्राईब्यूल के आदेश के चुनौती देते हुए कहा कि छोटे नारियल तेल के पैक को हेयर ऑयल माना जाए जिसपर ज्यादा टैक्स लगता है। साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के बेंच ने विभाजित निर्णय जारी किया जिसके बाद तीन जजों के बेंच का गठन किया गया।
गौरतलब है कि मौजूदा समय में खाने के तेल पर 5 फीसदी जीएसटी लगता है जबकि हेयरकेयर प्रोडक्ट पर 18 फीसदी लगाने का प्रावधान है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर दूसरी छोटी तेल की पैकिंग के ऊपर भी पड़ेगा, जिनके दाम आने वाले दिनों में कम हो सकते हैं।