शंभू बाॅर्डर खोलने और किसान आंदोलन से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाई पावर कमेटी किसानों को समझाए कि वो अपना प्रदर्शन हाइवे के बजाए दूसरी जगह शिफ्ट कर दे या कुछ समय के लिए अपना प्रदर्शन स्थगित कर दे। आमरण अनशन कर रहे पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ते सेहत पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें तुरंत पर्याप्त मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाए।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि डल्लेवाल से मिलकर उन्हें आमरण अनशन तोड़ने के लिए समझाए लेकिन अनशन तोड़ने के लिए किसी तरह की जबर्दस्ती न की जाए। प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस बल का इस्तेमाल नहीं किया जाए और उन्हें गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को भी नसीहत कि अपना प्रदर्शन शांतिपूर्ण बनाए रखें। मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी
सुनवाई के दौरान हाई पावर्ड कमेटी की ओर से दाखिल अंतरिम रिपोर्ट पर जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने कहा कि कमेटी अच्छा काम कर रही है। अंतरिम रिपोर्ट मे किसान संगठनों के साथ बैठकों को लेकर जानकारी दी गई है, हालांकि हाई पावर कमेटी ने कोर्ट को बताया कि अभी सुप्रीम कोर्ट में अपनी अंतिम रिपोर्ट नहीं दाखिल की है, ऐसे में किसान संगठन चाहे तो अपनी बात कमेटी के सामने रख सकते हैं। रिपोर्ट में किसान संगठनों के साथ बैठकों को लेकर जानकारी दी गई है, जिसमें बताया गया कि 11-12 सितंबर को चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिव और DGP की बैठक बुलाई, जहां सुझाव दिया गया कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के को-ऑर्डिनेटर जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के महासचिव सरवन सिंह पंधेर को बैठक के लिए बुलाया जाए।
इसके बाद दोनों से अनुरोध किया गया कि बैठक के लिए सुविधाजनक तारीख और समय बताएं, पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। हालांकि जब 18 अक्टूबर को हरियाणा निवास में बैठक बुलाने का निमंत्रण भेजा गया तो किसान नेताओं ने समिति के साथ चर्चा के लिए आने में असमर्थता व्यक्त की। वही बाद में डल्लेवाल ने समिति के अध्यक्ष को बैठक में भाग लेने की इच्छा से अवगत कराया और प्रतिनिधिमंडल में शामिल किसानों की सूची भी भेजी। फिर बैठक होने से कुछ घंटे पहले किसान संगठन पीछे हट गए।
इसके बाद कमेटी ने चार नवंबर को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में तय बैठक के लिए फिर से निमंत्रण भेजा गया। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा (गैर- राजनीतिक) का प्रतिनिधित्व करने वाले 12 किसानों का प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ, जहां उन्होंने 13 सूत्रीय मांग पत्र देकर समिति से अनुरोध किया कि वह इन्हें लागू करने की आवश्यकता से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराए।इसके बाद किसानों की मांगों पर चर्चा की गई और समिति ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल को मांगों की जांच और विश्लेषण करने और इसको सुप्रीम कोर्ट के ध्यान में लाने का आश्वासन दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कमिटी ने कोर्ट को बताया है कि अगली मीटिंग में किसानों के साथ बात कर के स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करेगी।