CBI ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ ट्रायल को जम्मू के बजाए तिहाड़ जेल में मौजूद कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यासीन मलिक को नोटिस जारी कर 18 दिसंबर तक जवाब मांगा है। दरअसल, CBI का कहना है कि तिहाड़ जेल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की पूरी सुविधा उपलब्ध है, वहां कोर्ट लगता रहा है। पहले भी कई मामले की सुनवाई होती रही है।
यासीन मलिक जम्मू कश्मीर में इंडियन एयर फोर्स के चार जवानों की हत्या और रुबिया सईद के अपहरण के मामले में वहां की निचली अदालत में मुकदमे का सामना कर रहा है। जम्मू कश्मीर में टाडा कोर्ट ने मलिक को व्यक्तिगत पेशी के लिए समन जारी किया था।यासीन मलिक भी जम्मू कश्मीर में निचली अदालत में पेश होकर अपनी पैरवी करना चाहता है।
CBI ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है। CBI का कहना है कि यासीन मलिक कोई आम आतंकवादी नहीं है। वो लगातार पाकिस्तान जाता रहा है। हाफिज सईद के साथ उसने मंच साझा किया है। उसके जम्मू कश्मीर जाने से वहां का माहौल बिगड़ सकता है। गवाहों को सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है। जस्टिस अभय एस ओका की बेंच ने CBI की अर्जी पर यासीन मलिक और इस केस में बाकी आरोपियों को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी।