दिल्ली के सदर बाजार में शाही ईदगाह पार्क में झांसी की रानी की मूर्ति लगाने को चुनौती देने वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट एक बार फ़िर खारिज कर दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के बाद डिवीजन बेंच ने भी याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए शाही ईदगाह मैनेजमेंट कमेटी को फटकार भी लगाई। हाई कोर्ट ने कमेटी से कहा कि आप मामले को धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे है।
हाईकोर्ट ने आगे कहा कि हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं और आप एक महिला सेनानी की मूर्ति लगाने पर आपत्ति जता रहे हैं, वह नेशनल हीरो है, इसे धार्मिक रूप नहीं देना चाहिए, सभी धार्मिक सीमाओं के परे वह एक नेशनल हीरो हैं, आप इसको धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे है।दरअसल, शाही ईदगाह मैनेजिंग कमेटी ने हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी। हाल ही में हाइकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका खारिज कर दी थी। दरअसल याचिका में झांसी की रानी की मूर्ति लगाने के फैसले को चुनौती दी थी और साथ ही किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन पर रोक लगाने की मांग की थी।
दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने बुधवार को कहा है कि सिंगल जज के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल याचिका में किया गया है, वो बेहद आपत्तिजनक है। आप इस मसले पर साम्प्रदायिक राजनीति कर रहे है, कोर्ट इस तरह की बहस की जगह नहीं है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई पूरे देश की हीरो है, वो सभी धर्मों की आदर्श है। ज़रूरी है कि इतिहास को धर्म के आधार पर न बांटा जाए। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी इस अपील के लिए बिना किसी शर्त मांफी मांगते हुए याचिका को वापस लेने का आग्रह किया। दिल्ली हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मैनेजमेंट कमेटी के आग्रह को स्वीकार करते हुए 26 सितम्बर तक माफीनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।