यूपी में 69 हज़ार सहायक शिक्षकों की भर्ती के मामले में समान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। दरअसल, HC के 3 महीने के भीतर दोबारा लिस्ट तैयार करने के आदेश पर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और दोनों पक्षों से कहा कि वो लिखित दलीलें जमा कराए। कोर्ट ने कहा कि उन्हें हाईकोर्ट के फैसले के अध्ययन के लिए वक्त चाहिए। CJI ने यूपी सरकार समेत सभी पक्षकारों से कहा कि आप लिखित नोट दाखिल करें, हम इस पर फाइनल हीयरिंग करेंगे, वही कोर्ट ने वकील प्रशांत शुक्ला को नोडल काउंसिल नियुक्त किया।
आपको बता दें कि सहायक शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों की तरफ से रवि सक्सेना, शिवम, रोविन सिंह,रवि प्रकाश पांडे, चंद्र मौली मिश्रा,राघवेंद्र प्रताप सिंह, पूजा रानी गौतम व अन्य ने याचिका दायर की थी। गौरतलब है कि इलाहाबाद HC ने अपने फैसले में जून 2020 और जनवरी 2022 के सलेक्शन लिस्ट को रद्द करते हुए यूपी सरकार का आदेश दिया था कि वो 2019 में हुए (ATRE) सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के आधार पर 69 हज़ार शिक्षको के लिए नए सलेक्शन लिस्ट तीन महीने में जारी करें
हाई कोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर कोई आरक्षित वर्ग का कैंडिडेट जनरल कैटेगरी के बराबर मेरिट हासिल कर लेता है तो उसका सलेक्शन जनरल कैटगरी में ही माना चाहिए। HC के इस आदेश के चलते यूपी में बड़ी संख्या में नौकरी कर रहे शिक्षकों पर नौकरी खोने का खतरा मंडराने लगा था।