कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में रेप और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में हड़ताल पर चल रहे डॉक्टरों को काम पर वापस लौटने के लिए कल शाम 5 बजे तक का वक़्त दिया है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कि अगर डॉक्टर कल शाम 5 बजे तक काम पर लौटते है, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन अगर वो काम पर नहीं लौटते तो उन्हें राज्य सरकार की ओर से अनुशासनत्मक कार्रवाई झेलनी पड़ सकती है। कोर्ट ने बंगाल सरकार से कहा कि वो सुनिश्चित करें कि डॉक्टरों को काम के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक माहौल मिल सके।
दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि डॉक्टरो के काम पर न लौटने के चलते 6 लाख मरीज प्रभावित हुए है, इलाज के अभाव में अब तक 23 मरीजों की मौत हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने हॉस्पिटल की सुरक्षा में तैनात CISF की कंपनियों को हॉस्पिटल के नजदीक ही रहने की सुविधा और जरूरी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने को कहा है। कोर्ट ने पोस्टमार्टम के वक़्त भरे गए चालान की कॉपी के गायब होने पर सवाल उठाया, यहां चालान से अभिप्राय जांच अधिकारी की ओर से मेडिकल अधिकारी को पोस्टमार्टम के लिए औपचारिक आवेदन से था।
सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि बिना चालान के पोस्टमार्टम कैसे हुआ?। अगर ऐसा हुआ तो कुछ गड़बड़ है। कोर्ट अगली ने तारीख बंगाल पर सरकार चालान को की सुनवाई कॉपी की जमा कराने को कहा। कोर्ट ने कहा कि ये साफ है कि करीब 14 घंटे की देरी के बाद इस मामले में बंगाल पुलिस ने FIR दर्ज की। CBI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने जांच के दौरान मिले नमूनों को फिर से जांच के लिए AllMS की लेब को भेजा है। कोर्ट ने CB से जांच की प्रगति के बारे में नई रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।