शंभू बार्डर पर फिलहाल यथास्थिति बरकरार रहेगी। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट का पुराना अंतरिम आदेश जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सरकार से कहा है कि वो किसानों से संवाद के जरिए इस गतिरोध को खत्म करने की दिशा में पहल करें। कोर्ट ने रास्ता बंद होने के चलते लोगों को ही रही दिक्कतो पर चिंता जताई है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने पंजाब और हरियाणा सरकार से कहा है कि वो उन वार्ताकारों के नाम सुझाए जो किसानों और सरकार से बात कर समस्या का समाधान निकाले।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके लिए किसानी पृष्ठभूमि के रिटायर्ड जजों के नाम पर विचार कर सकते है। कुछ नामी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर, रिसर्चर के नाम पर विचार हो सकता है। कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य सरकार ऐसा नहीं करेगी तो हम दखल देने के लिए मज़बूर होंगे। हरियाणा सरकार की ओर से पेश एसजी तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब चाहे तो अपनी तरफ़ का बैरिकेड खोल सकता है,पर हमें इसके लिए मज़बूर न करें। SC ने पंजाब सरकार से वकील से कहा कि क्या आप ये किसानों से बात कर यह सुनिश्चित कर सकते है कि वो ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर न एंट्री करें।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था, कोर्ट ने किसानों से बातचीत कर समाधान के लिए एक निष्पक्ष कमिटी का गठन का प्रस्ताव दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकार को कमेटी के लिए उपयुक्त लोगों के नाम एक हफ्ते में सुझाने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा से बात कर इस पर भी विचार करने को कहा था कि कैसे चरणबद्ध तरीके से बैरिकेड को हटाया जाए ताकि आम लोगों की दिक्कत को कम किया जा सके। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा था कि किसानों से बात करने के लिए हरियाणा और पंजाब सरकार निष्पक्ष वार्ताकारों के नाम हमें सुझाए, नहीं तो हम नाम तय करेंगे।