सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में सीबीआई की तरफ FIR दर्ज होने के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका को सुनवाई योग्य माना है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने आगे ममता सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर आगे की सुनवाई गुण-दोष के आधार पर की जाएगी और आगे की सुनवाई के लिए 13 अगस्त को मुद्दे तय किए जाएंगे।
दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार ने अर्जी दायर कर कहा था कि उसने सीबीआई को केस दर्ज करने के लिए दी गई सहमति 16 नवंबर, 2018 को वापस ले ली थी। ऐसे में सीबीआई को पश्चिम बंगाल के मामलों में एफआईआर दर्ज करने का अधिकार नहीं है। फिर भी वह लगातार अलग-अलग मामलों में केस दर्ज कर जांच और गिरफ्तारी कर रही है। वही केन्द्र सरकार का कहना था कि ममता सरकार की अर्जी आर्टिकल 131 के तहत सुनवाई लायक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट ममता सरकार की अर्जी पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि सीबीआई को केस दर्ज करने के लिए दी गई सहमति राज्य सरकार द्वारा वापस लेने के बावजूद क्या CBI वहां FIR दर्ज कर सकती है या नहीं
ममता सरकार की दलील
ममता सरकार का कहना था कि उसने 2018 में ही सीबीआई को राज्य के मामलों में केस दर्ज करने या रेड डालने की अनुमति वापस ले ली थी, उसके बाद भी सीबीआई एफआईआर दर्ज कर रही है। केंद्र सरकार ने याचिका का ये कहते हुए विरोध किया है कि ममता सरकार की ये याचिका आर्टिकल 131 के तहत सुनवाई लायक नहीं है। इन मामलों में केस CBI ने दर्ज किया है, केंद्र सरकार ने नहीं, CBI अपने आप में स्वतंत्र जांच एजेंसी है CBI की ओर से केस दर्ज होने के चलते बंगाल सरकार केंद्र के खिलाफ मुकदमा दायर नहीं कर सकती।