यूपी में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अजय राय की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 15 जुलाई तक जवाब मांगा है। अजय राय ने 2010 में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के तहत वाराणसी की निचली अदालत में चल रही कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है।
इससे पहले अजय राय ने इस केस में शिकायतकर्ता के साथ हुए समझौते का हवाला देकर इलाहाबाद हाई कोर्ट से अपने खिलाफ चल रही कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी लेकिन हाई कोर्ट ने 18 मई को उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। अजय राय ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दरअसल, इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में चल रहे ट्रायल पर रोक लगाने और मुकदमे की कार्यवाही रद्द करने से इन्कार कर दिया था। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि मुकदमे को रद्द करने का कोई वैधानिक आधार नहीं है।
आपको बता दें कि मामले में अजय राय, संतोष राय, चंद्रभूषण दुबे और विजय कुमार पांडे सहित अन्य लोगों के खिलाफ वर्ष 2010 में वाराणसी के चेतगंज थाने में बलवा, मारपीट आदि की धाराओं में केस दर्ज किया गया था। बाद में इसमें गैंगस्टर एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया था। गौरतलब है कि यह मामला स्पेशल जज भ्रष्टाचार निवारण वाराणसी की अदालत में लंबित है। अजय राय व अन्य की तरफ से याचिका दायर कर मुकदमे की कार्यवाही रद्द करने की मांग करते हुए कहा गया था कि उनका शिकायतकर्ता से समझौता हो गया है और समझौते के आधार पर दर्ज मुकदमे को रद्द किया जाए।