दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नियमित जमानत पर राउज एवन्यू कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान केजरीवाल की न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी। केजरीवाल की जमानत पर गुरुवार को भी कोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी। दरअसल, बुधवार को केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने अदालत को बताया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की जानकारी देते हुए कहा कि पहले कोर्ट ने उन्हें लोकसभा चुनाव प्रचार के अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि केजरीवाल अपनी नियमित जमानत के लिए निचली अदालत में अर्जी दाखिल कर सकते है।
CBI केस में मैं आरोपी नहीं: केजरीवाल
केजरीवाल की ओर से कहा गया कि इस मामले मे 27 अगस्त अगस्त 2022 को ED ने ECIR दर्ज की गई और गिरफ्तारी 2024 मे हुई, PMLA के तहत और कई शिकायतें दर्ज की गई हैं। इसमे कई चार्जशीट दाखिल की गई और किसी में भी मुझे आरोपी नहीं बनाया गया, यहां तक कि CBI द्वारा दर्ज FIR में भी अभी तक मुझे आरोपी नहीं बनाया गया है, इस मामले मे CBI ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज किया। CBI द्वारा मामले में कई चार्जशीट दाखिल की गई। CBI की पूछताछ मे भी कुछ नहीं मिला। अरविंद केजरीवाल की ओर से दलील देते हुए यह भी कहा गया कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री है और एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रमुख है।उनसे समाज को कोई खतरा नहीं है। वैसे भी यह मामला अगस्त 2022 से लंबित है।
“CBI को अभी तक मेरे खिलाफ कुछ नहीं मिला “
केजरीवाल के वकील ने कहा इस मामले में सीबीआई ने मुझसे पूछताछ भी किया है लेकिन सीबीआई को अभी तक मेरे खिलाफ कुछ नहीं मिला है। केजरीवाल के वकील ने कहा कि ED ने जो पहला समन जारी किया, उसके जवाब में ED से पूछा था कि ED ने केजरीवाल को किस हैसियत से उनको समन किया है?। क्या उनको मुख्यमंत्री के रूप या पार्टी के मुखिया के रूप में या निजी रुप से उनको समन जारी किया है, फिर मैंने ED से पूछा था कि अगर वह उनको सवाल भेज दें वह उसका जवाब दे देंगे है और दस्तावेज़ भी भेज देंगे, ED ने चौथा समन ईमेल से भेजा था। जिसमें ED ने कहा था कि उनको निजी रूप से बुलाया है वह अभी मामले में आरोपी नहीं है।
“मुख्यमंत्री पद का सम्मान होना चाहिए”
केजरीवाल ने कहा कि मैं किसी विशेष दर्जे का दावा नहीं कर रहा हूं लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि एक संवैधानिक पदाधिकारी को बुलाया जा रहा है। अगर आप मेरा सम्मान नही कर रहे है तो कोई बात नहीं, पर कम से कम पद का तो सम्मान करना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कोई मुख्यमंत्री लिखता है कि मुझे व्यक्तिगत रूप से बुलाया जा रहा है और इससे मेरे आधिकारिक कर्तव्य प्रभावित होते हैं। केजरीवाल के वकील ने गिरफ्तारी की तारीख का हवाला देते हुए कहा 16 मार्च 2024 को लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई और उसी दिन मुझे समन जारी किया। जब यह पूरा मामला अगस्त 2022 में शुरू हुआ और केजरीवाल गिरफ्तारी चुनाव से ठीक पहले मार्च 2024 में हुई, मेरी गिरफ़्तारी के समय के पीछे भी एक दुर्भावना है।
केजरीवाल के वकील ने कहा कि य़ह पूरा केस सिर्फ ऐसे गवाहों के बयान पर आधारित है, जिनको पहले गिरफ्तार किया गया और उनको ज़मानत दिलाने और उनको माफ करने का वादा किया गया, जिसके बाद उनके बयान लिए गए, बयान देने वाले कोई संत नहीं हैं। इन लोगों को लालच दिया गया, जांच एजेंसी की विश्वसनीयता पर सवाल है। केजरीवाल ने कहा कि इस मामले में अगस्त 2023 में आखरी बार बयान दर्ज किया गया था। वहीं एजेंसी ने रिकॉर्ड पर कहा है कि केजरीवाल आरोपी नहीं है और मुझे मेरी व्यक्तिगत क्षमता में बुलाया जा रहा है। जब उन्होंने मुझे गिरफ्तार किया तो उन्होंने मुख्यमंत्री और AAP के संयोजक के रूप में मेरी भूमिका का उल्लेख किया।
“ED सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग में मेरी भूमिका की जांच कर सकती है”
केजरीवाल के वकील ने कहा कि ED मुझ पर जो भी आरोप लगा रही हैं। उससे ऐसा लगता है कि वह मुझ पर PMLA के तहत नहीं बल्कि CBI के मामले में मुकदमा चला रहे हैं। ED मेरे मामले मे कन्डक्ट का आरोप लगा रही है अगर मेरा कन्डक्ट खराब है तो इसकी जांच CBI करेगी। ED तो केवल मनी लॉन्ड्रिंग में मेरी भूमिका की जांच कर सकती है। केजरीवाल के वकील ने गवाहों के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा गवाहों के बयानों की सत्यता संदिग्ध है और इनमें भौतिक पुष्टि का अभाव है। गवाहों के बयान ED के द्वारा गिरफ्तार किए जाने और जमानत मिलने में विफल रहने के बाद दिए गए थे। केजरीवाल के वकील ने ED के द्वारा लिए गए बयानों के लिए उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सौदा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मगुंटा रेड्डी ने पहले अपने बयान मे कहा कि केजरीवाल दिल्ली शराब नीति के सिलसिले में मुझसे नहीं मिले, बाद में उन्होंने मेरे बारे में दिया गया बयान बदल दिया। जिसके बाद उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई और बाद में उन्हें माफी भी मिल गई।
केजरीवाल ने आगे कहा कि इसके बाद में मगुंटा रेड्डी TDP के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं और अब सत्तारूढ़ NDA गठबंधन का हिस्सा हैं। वहीं सरथ रेड्डी के बयान का हवाला देते हुए कहा उन्हें पीठ दर्द के आधार पर भी जमानत दी गई है। इस तरह की आज़ादी का सौदा क्यों?। इतना ही नहीं सरथ रेड्डी की कंपनी ने सत्तारूढ़ पार्टी के लिए 50 करोड़ का चुनावी बांड भी खरीदा, इसके अलावा केजरीवाल के वकील ने य़ह भी कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि 100 करोड़ साउथ ग्रुप से आए। जांच हमेशा जारी रहती हैं आरोपी मर जाते हैं, सुनवाई करने वाले जज बदल जाते हैं। अधिकारी स्थानांतरित हो जाते हैं लेकिन जांचें जारी रहती हैं और जारी रहती है।
“मैं कई बीमारियों से पीड़ित हूं”
साथ ही केजरीवाल के वकील ने कहा कि ED का कहना है कि विजय नायर एक मंत्री को आवंटित आवास में रह रहे थे। इसलिए उनकी मुझ तक पहुंच थी, मेरा घर उनके नजदीक था। अगर ऐसा है तो उपराज्यपाल का घर भी मेरे घर से ज्यादा नजदीक था। केजरीवाल भी कई बीमारियों से पीड़ित हैं। मैं आज अंतरिम जमानत नहीं मांग रहा हूँ लेकिन उन बीमारियों पर विचार करें जिनसे वो पीड़ित हैं। फिलहाल सवाल यह है कि जो मामला डेढ़ साल तक चल रहा था, उस मामले में एक मौजूदा मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को कोर्ट कैसे देखेंगा?। वहीं कोर्ट को य़ह भी देखना चाहिए कि गिरफ्तारी तब हुई जब चुनाव की घोषणा हुई। कृपया उन सबूतों को भी ध्यान में रखें जो मेरे खिलाफ हैं।
केजरीवाल की दलीलें पूरी होने के बाद ED की तरफ से ASG एस वी राजू ने दलील देते हुए कहा कि केजरीवाल के मामले में आरोपी के रूप में कोर्ट द्वारा अभी तक समन नहीं किया गया है लेकिन मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और चार्जशीट पर संज्ञान अभी तक नही लिया गया है, अभी केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट पर संज्ञान नहीं हुआ है हालांकि इस मामले मे अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की चार्जशीट पर कोर्ट संज्ञान ले चुका है। जबकि इस चार्जशीट मे केजरीवाल और AAP पार्टी को आरोपी बनाया गया है। कई और आरोपी हैं जिनकी जमानत खारिज हो चुकी है, इसका मतलब है कि कोर्ट इस नतीजे पर पहुंचा है कि मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध हुआ है।
कोर्ट भी इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध होने के आरोप को मान रहा है: ED
ASG एसवी राजू ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप बनता है। कोर्ट मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप को लेकर दायर चार्जशीट पर संज्ञान ले चुका है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले मे कोर्ट का संज्ञान लेना यही दर्शाता है कि पहली नज़र में कोर्ट इस बात को लेकर आश्वस्त है कि मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है। ASG ने कहा कि PMLA की धारा 45 के तहत ज़मानत की दोहरी शर्तों का प्रावधान है। कोर्ट को ज़मानत देने से पहले य़ह देखना होगा कि क्या आरोपी इस कसौटी पर खरा उतरता है या नहीं। इस मामले में AAP पार्टी भी आरोपी है। मनी लॉन्ड्रिंग केस में सिसोदिया समेत सह आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज होना, य़ह दर्शाता है कि कोर्ट इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध होने के आरोप को मान रहा है।
ASG ने कहा कि य़ह हो सकता है कि केजरीवाल CBI मामले में आरोपी न हो लेकिन वो PMLA के तहत ED मामले में आरोपी हो सकता है। वही CBI की जांच से पता चलता है कि केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। ASG एसवी राजू ने कहा कि केजरीवाल को मामले में आरोपी के रूप में कोर्ट द्वारा अभी तक समन नहीं किया गया है लेकिन मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, चार्जशीट पर संज्ञान अभी तक नही लिया गया है। हालाकि मामले में बड़े स्तर पर आरोपियों की ज़मानत अर्ज़ी खारिज हुई है। यहां तक कि मनीष सिसोदिया की भी ज़मानत अर्ज़ी भी खारिज हो चुकी है। एसवी राजू ने कहा कि विजय नायर मिलिडमैन के रूप में काम कर रहा था। उसने बुच्चीबाबू, अभिषेक बोइनपल्ली समेत कई बिज़नसमैन से मुलाक़ात किया था।
अदालत को संतुष्ट होना होगा कि केजरीवाल अपराध का दोषी नहीं है: ED
ASG ने कहा कि अदालत को संतुष्ट होना होगा कि व्यक्ति अपराध का दोषी नहीं है, उसे यह दिखाना होगा कि वह इस अपराध का दोषी नहीं है। केजरीवाल का कहना है कि वह CBI के केस में आरोपी नहीं है इसलिए ED केस में आरोपी नहीं हो सकते,जबकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हो सकता है कि आप उस विधेय अपराध में आरोपी न हों लेकिन आप अभी भी PMLA मामले में आरोपी हो सकते हैं। ASG ने कहा कि गवाहों के बयान का परीक्षण ट्रायल के दौरान होगा कि उनका बयान सही है या नहीं, ज़मानत के स्तर पर इसका परीक्षण नहीं किया गया जा सकता, जहां तक चुनाव से पहले गिरफ्तरी की बात है किसी व्यक्ति को कब गिरफ्तार करना है यह पूरी तरह से जांच अधिकरी पर निर्भर करता है, उनका यह कहना कि चुनाव में केजरीवाल शामिल न हो पाए इसलिए उनको गिरफ्तार किया गया यह कहा सही नहीं है। केजरीवाल को उस आधार पर ज़मानत नही दी जा सकती है यह ज़मानत मांगने का आधार नहीं हो सकता है।
केजरीवाल की गिरफ़्तारी से पहले भी सबूत जुटाएं: ED
ASG ने कहा कि हमने केजरीवाल की गिरफ़्तारी से पहले भी सबूत जुटाए थे। वह गिरफ़्तारी के समय पर सवाल उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि जुलाई 2023 के बाद से उनके खिलाफ़ कुछ नहीं किया, ऐसा केजरीवाल को चुनाव प्रचार से रोकने के लिए गिरफ़्तार किया गया था। जो कि सही नहीं है।ASG कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस बात का ध्यान रखा है कि उन्हें केवल चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि वह अपने कार्यालय या सचिवालय में नहीं जा सकते,अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि वह इस अपराध का दोषी नहीं है, तो उसने कोर्ट को अंतरिम जमानत देते हुए शर्तें क्यों लगाईं?। ASG ने कहा कि यह कोई नियमित या अंतरिम जमानत नहीं थी। यह केवल चुनाव के उद्देश्य को पूरा करने के लिए किया गया था। उस आदेश के आधार पर यहाँ नियमित जमानत के लिए दलील नहीं दी जा जा सकती क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम तौर पर दिए गए राहत के आदेश मे कहा था कि उनका यह आदेश मामले की मेरिट पर कोई राय रखने वाला नहीं है, ऐसे मे सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश पर बहस करने की अनुमति कैसे दी जा सकती है?