NEET-UG परीक्षा के खिलाफ दायर दो याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने NTA को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 0.01% प्रतिशत भी किसी की खामी पाई गई, तो हम उससे सख्ती से निपटेंगे। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस SVN भट्टी की वेकेशन बेंच ने कहा कि हम ये छात्रों की मेहनत का सवाल है, हमें इसका एहसास है कि उन्होंने कैसे तैयारी की है। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई फ्राड के जरिये डॉक्टर बन भी जाता है तो कल्पना की जा सकती है कि वो समाज और सिस्टम के लिए कितना बड़ा खतरा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि NTA छात्रों की शिकायत को नज़रअंदाज न करें या उसे अन्यथा न ले, अगर एग्जाम में वाकई कोई गलती हुई है तो उसे स्वीकार करें और उसे पर एक्शन ले। एक एजेंसी से उम्मीद की जाती है कि वो निष्पक्ष नज़र आए। सुप्रीम कोर्ट ने NTA की जुडी दो याचिकाओं पर NTA को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। 8 जुलाई को सभी पर याचिकाओं एक साथ सुनवाई होगी। दरअसल, ये याचिका नितिन विजय और अमूल्य विजय ने दायर की थी।
पिछले शुक्रवार को NTA की ट्रांसफर याचिका और सीबीआई जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया था। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की वेकेशन बेंच ने NTA की ट्रांसफर याचिका पर विभिन्न हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किया था, जबकि सीबीआई जांच की मांग वाली NEET उम्मीदवारों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और NIA को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा था। कोर्ट ने सभी याचिकाओं को जोड़ते हुए अगली सुनवाई 8 जुलाई को तय की थी।
इसके बाद पिछले शनिवार को ही NEET-UG परीक्षा मामले को लेकर तन्मय शर्मा समेत 20 छात्रों ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में CBI या दूसरी एजेंसी से जांच कराने की मांग की थी। याचिका में इस परीक्षा में 620 अंक से ज्यादा पाने वाले छात्रों की अकादमिक और फॉरेंसिक जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी से कराने की मांग की गई थी। इसके अलावा में NEET परीक्षा को दोबारा कराने के साथ-साथ केंद्र सरकार और NTA को परीक्षा के दौरान पारदर्शिता बरतने, पेपर लीक न होने और परीक्षा के दौरान गलत तरीकों के इस्तेमाल भविष्य न हो, इसके लिए उचित कदम उठाए जाने का निर्देश देने की मांग गई थी।