JNU में दो पेड़ों की कटाई पर उप वन संरक्षक को दिल्ली हाईकोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दरअसल, उप वन संरक्षक पर कोर्ट को आश्वासन देने के बावजूद पेड़ों को काटने का आरोप है। कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई कटाई के चार दिन बाद की गई थी, लेकिन कोर्ट को दिल्ली वन विभाग द्वारा दी गई अनुमति के बारे में अवगत नहीं कराया गया था। यह आदेश हाईकोर्ट के 2022 के निर्देशों का पालन न करने से संबंधित एक मामले में पारित किया गया है जिसमें वृक्ष अधिकारियों को एक भी पेड़ काटने के कारणों को स्पष्ट करने की आवश्यकता थी। यह आरोप लगाया गया था कि इन निर्देशों के बावजूद मई और अगस्त 2022 के बीच 22 बार पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई थी।
इसके बाद 31 अगस्त, 2023 को दिल्ली सरकार द्वारा न्यायालय को बताया गया कि अगली सुनवाई की तारीख तक किसी भी व्यक्ति को पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं दी जाएगी और महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए आवश्यक किसी भी अनुमति के बारे में न्यायालय को सूचित किया जाएगा। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पुराने जेएनयू परिसर में सचिवालय प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान (आईएसटीएम) में भवन निर्माण के लिए 29 अप्रैल को हुई कटाई और प्रत्यारोपण का संज्ञान लिया।