दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लाॅड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत की अवधि 7 दिन बढ़ाने की मांग को ठुकरा दिया है। सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने केजरीवाल की अर्जी को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा है कि चूंकि केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही फैसला सुरक्षित रख लिया है, ऐसे में अंतरिम जमानत बढ़ाने की केजरीवाल की अर्जी का मुख्य याचिका से कोई संबंध नहीं है और सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को पहले ही नियमित जमानत के लिए निचली अदालत जाने की अनुमति दी थी, इसलिए केजरीवाल की नई अर्जी सुनवाई योग्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री की ओर से अर्जी को अस्वीकार करने के बाद अब केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना होगा।
आपको बता दें कि केजरीवाल की ओर से मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की वेकेशन बेंच से जल्द सुनवाई की मांग की गई थी, जिस पर वेकेशन बेंच ने अर्जी पर जल्द सुनवाई से इनकार करते हुए मामले को CJI के पास भेज दिया था। दरअसल, केजरीवाल ने अपनी नई अर्जी में अंतरिम जमानत की अवधि 7 दिन बढ़ाने की मांग की थी। केजरीवाल ने अपनी अर्जी में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में निर्धारित अंतरिम जमानत की शर्तों का पालन किया है। मैक्स अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने 25 मई 2024 को मेरे घर पर मेरा विस्तृत जांच के बाद कई टेस्ट कराने को कहा था, जिनमें मेरे पूरे शरीर की पीईटी-सीटी जैसे टेस्ट शामिल हैं।
गौरतलब है कि 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 21 दिनों की अंतिम जमानत दी थी, उस वक्त सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अंतरिम जमानत 5 जून तक बढ़ाने की मांग की थी, जिसे जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर की दत्ता की बेंच ने ठुकरा दिया था। कोर्ट ने कहा था कि केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत दी जाती है और उन्हें 2 जून को सिलेंडर करना होगा।