दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित दलीलें दाखिल की है। वरिष्ठ वकील अमित देसाई ने केजरीवाल की ओर से दाखिल लिखित दलीलों में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के फैसलों का हवाला देते हुए कहा है कि ED के पास गिरफ्तारी का उचित आधार नहीं है और महज संदेह के आधार पर गिरफ्तारी की गई, साथ ही PMLA में गिरफ्तारी के मानक तय हैं, जो ED द्वारा नहीं निभाए गए।
PMLA की धारा 19 में निर्मित ‘मूल्यांकन और मूल्यांकन’ की सुरक्षा तय है, इस मामले में ईडी का कदम संतुलित नहीं है, धारा 19 के तहत गिरफ्तारी केवल धारणाओं,अनुमानों, अटकलों पर आधारित नहीं हो सकती ऐसी सामग्री होना जरूरी है, जिसका स्पष्ट आधार हो, संदेह के आधार पर गिरफ्तारी वैध नहीं है।
धारा 19 के आधार पर एक ठोस निर्धारण की परिकल्पना की गई है। अपराध के निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए कब्जे में ठोस सामग्री होनी चाहिए, तभी गिरफ्तारी की जा सकती है, अगर गिरफ्तारी के कदम में मानकों का पालन नहीं किया जाता, तब इसे अदालत द्वारा अवैध मानकर रद्द किया जा सकता है। ED की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को फैसला सुरक्षित रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने ED और केजरीवाल से लिखित दलीलें देने को कहा था।