राजस्थान के टोंक जिले में बीसलपुर बांध से बजरी-गाद निकालने के प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है। प्रोजेक्ट पर रोक के मामले में राजस्थान सरकार और राजस्थान ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। प्रोजेक्ट पर रोक के NGT के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सेलिंग अकाउंट को मैंटेन करने का भी निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी।
जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस संजय करोल की वेकेशन बेंच में शुक्रवार को राजस्थान सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एडिशनल एडवोकेट जनरल शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि NGT का आदेश तथ्यों पर आधारित नहीं है क्योंकि यह मामला खनन गतिविधियों से जुड़ा नहीं है बल्कि बजरी-गाद निकालने के लिए प्रोजेक्ट को राज्य सरकार ने मंजूरी दी थी, दरअसल, इससे पहले NGT ने पर्यावरणीय मंजूरी लिए बिना बीसलपुर बांध से बजरी-गाद निकालने के राजस्थान सरकार के फैसले पर रोक लगा दी थी
आपको बता दें कि NGT ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम लिमिटेड को निर्देश दिया था कि जब तक पर्यावरणीय मंजूरी नहीं मिलती, तब तक परियेाजना प्रस्तावक को डिसिल्टिंग, ड्रेजिंग गतिविधियां, बजरी निकालने और निस्तारण की अनुमति से रोक दिया जाए। गौरतलब है कि 27 साल बाद पहली बार बीसलपुर बांध से बजरी निकाले जाने का कार्य शुरू किया गया था। जो कार्य केकड़ी अजमेर से शुरू हुआ है। इस कार्य के लिए ठेकेदार द्वारा मशीनें फिट किए जाने का कार्य किया गया है।